उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को एक बड़े मामले में जीत मिली है। 2021 में तत्कालीन खाद्य अधिकारी अरूण मेश्राम ने विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी गरीबों का राशन कार्ड बनवाने गए थे। उसी दौरान खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम ने जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाकर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस ठोका गया था। जिसमें विजय शर्मा जेल भी गए थे। गुरुवार को जिला न्यायालय में फैसला सुनाया। जिसमें दोनों को दोषमुक्त किया गया है।

जिला न्यायालय में अंतरिम सुनवाई के दौरान जिला सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने फैसला सुनाते हुए विजय शर्मा को दोषमुक्त करार दिया। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर की शह पर हम पर फर्जी एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। आज सच सबके सामने आ गया है। उस दौरान मोहम्मद अकबर लोगों की आवाज दबाने के लिए फर्जी एक्ट लगवाकर कारवाई कराने का काम करते थे।

विजय शर्मा ने कहा कि हमने किसानों और गरीबों की आवाज उठाई थी। जिसके बदले एक अधिकारी के मार्फत फर्जी एट्रोसिटी एक्ट लगवाया गया। जबकि उस अधिकारी के पास राशन कार्ड की समस्याएं लेकर हम पहुंचे थे। जिसकी वीडियो भी हमारे पास उपलब्ध है। लेकिन आज हम इस मामले में दोषमुक्त हुए हैं। जिसके लिए सम्माननीय न्यायालय को धन्यवाद देता हूं।